[Verse 1]
ज़ंजीरों से अब बात नहीं होती
चुप्पी भी अब साथ नहीं होती
हर सवाल का अब जवाब चाहिए
अब खुद से एक नया हिसाब चाहिए
[Chorus x2]
आज़ादी! ये नाम नहीं सिर्फ़ एक आवाज़ है
हर दिल में ये जलता हुआ साज़ है
आज़ादी! अब डर से आगे बढ़ना है
टूटे हर बंधन, और सच में जीना है
[Verse 2]
वो जो छिन गया था अब मांगेंगे नहीं
जो हक़ है हमारा, वो छोड़ेंगे नहीं
हर चीख़ अब एक गीत बन चुकी है
क्रांति की हवा रगों में चल चुकी है
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