[Verse 1]
आंधियों से खेला हूँ मैं,
तूफ़ानों को सीने से लगाया है।
हर ज़ख्म मेरा ताज है अब,
जो भी रोका — वो पछताया है।
[Chorus x2]
तूफ़ान हूँ मैं, रुकता नहीं,
आसमां से भी मैं झुकता नहीं।
हर गिरावट मेरा उड़ान बने,
मैं जहाँ चलूं — तूफ़ान चले!
[Verse 2]
तू कहे मुश्किल है ये राह,
मैं उसे बना दूं अपनी चाह।
जलती हुई जो राह मिली,
उसी पे मैंने जीत लिखी।