[Verse 1]
तेरी आग जलाए बिना राख
तेरी ज्वाला का नहीं है कोई वक़्त साफ़
तेरी आवाज़ तलवार, तेरी मोहब्बत सज़ा
मैं जलता हूँ, पर चैन नहीं पा रहा
[Chorus x2]
तेरी आग मुझ पर कभी न बुझे
तू भागे तो भी ये न रुके
मेरा प्यार आग है, ये इत्तेफ़ाक़ नहीं
मेरा घाव तुझसे भरता नहीं
[Verse 2]
तूने मेरे साथ क्या किया?
क्यों मैं तुझसे यूँ प्यार किया?
दिल मेरा आग और ममता के बीच
पर तू हमेशा दूर, ना कोई रसीद